द्रौपदी मुर्मू


द्रौपदी मुर्मू



 भारत की 15वीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सर्वोच्च संवैधानिक पद संभालने वाली पहली आदिवासी महिला बनने के बाद गुरुवार को इतिहास रच दिया है। ओडिशा के एक छोटे से गाँव रायरंगपुर से भारत के शीर्ष निवास 'राष्ट्रपति भवन' तक की उनकी यात्रा, हर उस व्यक्ति के लिए वास्तव में एक प्रेरणादायक कहानी है, जो सिस्टम में किसी भी गढ़ के बिना अपने सपनों को हासिल करने की इच्छा रखता है। मुर्मू एक आम महिला की शक्ति का उदाहरण है, जो एक पुरुष की दुनिया में अपना रास्ता बनाने के लिए सभी संघर्षों और बाधाओं को पार कर सकती है।

·         द्रौपदी मुर्मू जी की जिंदगी बोहोत ही उतार-चढ़ाव से भरी, त्रासदियों से भरी है उनकी पृष्ठभूमि और परिवार पर थोडा नजर डालते है।

द्रौपदी मुर्मू जी कि उतार-चढ़ाव से भरी जिंदगी

    मुर्मू के पति श्याम चरण मुर्मू के साथ तीन बच्चे थे - दो बेटे और एक बेटी। खबरों के मुताबिक उनके एक बेटे की 2009 में रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी जबकि उसके दूसरे बेटे की तीन साल बाद सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। द्रौपदी मुर्मू जी के पति श्याम चरण मुर्मू को पहले कार्डियक अरेस्ट के कारण खो दिया था। दो बेटे और एक बेटी मे से दो बेटो के निधन के बाद उनकी एक बेटी इतिश्री ओडिशा के एक बैंक में काम करती है। ये मुश्कील वक़्त के कारण मुर्मू जी एक समय के लिये अवसाद और चिंता से पीड़ित थे, लेकिन उन्होंने अपनी व्यक्तिगत त्रासदियों से ऊपर उठने का फैसला किया और अपना जीवन सामाजिक सुधार और सार्वजनिक सेवा के लिए समर्पित कर दिया। मुर्मू ने अपनी निराशा से बाहर आने के लिए आध्यात्मिक मार्ग अपनाया और खुद को ब्रह्मकुमारी समूह से जोड़ा। वह एक महान उपदेशक और ध्यान की अभ्यासी के रूप में जानी जाती हैं।

द्रौपदी मुर्मू जी पार्श्वभूमि

     द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति बनना भारतीय लोकतंत्र की असली खुबसुरत बात का प्रतीक है। ओडिशा के मयूरभंज में एक छोटे से घर में रहने वाले मुर्मू अब राष्ट्रपति भवन में रहेंगे । वो एक  ओडिशा के मयूरभंज जिले में एक साधारण घर में रहती हैं। जिस मे दो मंजिला घर मेऔर सिर्फ 6 कमरे हैं। और यह घर किसी वीवीआईपी इलाके में नहीं है। बल्कि ये घर एक साधारण रिहायशी इलाके में हैं, जहां ज्यादातर मध्यमवर्गीय परिवार और आम लोग रहते हैं।


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nadeer10